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Ashtagandha Chandan Ingredients | अष्टगंध चन्दन सामग्री

Ashtagandha Chandan Ingredients | अष्टगंध चन्दन सामग्री

Ashtagandha Chandan Ingredients, अष्टगंध चंदन क्या होता है?, अष्टगंध बनाने की सामग्री की पूरी जानकारी हम यहां पर बता रहे हैं साथ ही अष्टगंध बनाने की विधि भी बहुत ही सरल है, अष्टगंध संस्कृत का शब्द है अष्ट का अर्थ है “आठ” और गंध का अर्थ है “सुगंध” अर्थात आठ पदार्थो की सुगंध । अष्टगंध तिलक के रूप में सदियों से सनातन धर्म का मुख्य भाग रहा है। आप स्वयं घर पर अष्टगंध चन्दन बना सकते है, असली अष्टगंध चन्दन का तिलक मन को जो शक्ति और सामर्थ्य देता है वो शब्दों में कहा नहीं जा सकता है, और रोज अगर आप अष्टगंध चन्दन मस्तक पर लगाते है तो आपके विचारो को शुद्धता और मन को शांति मिलती है।

आप मानसिक रूप से स्वस्थ विचारो वाले व्यक्ति बनते है। अष्टगंध चन्दन वैदिक काल से ही हिन्दू दिनचर्या का अभिन्न भाग रहा है।

Ashtagandha Chandan Ingredients अष्टगंध चन्दन सामग्री

अष्टगंध चन्दन निम्नलिखित आठ पदार्थो से मिलकर बनता है।

  1. चन्दन (सफ़ेद या लाल चन्दन ) (White or Red Chandana)
  2. अगर (Agar)
  3. कपूर (kapoor or Camphor)
  4. कचूर (Kachoor)
  5. कुमकुम (रोली ) (Kumkum)
  6. गोरोचन (Gorochan)
  7. जटामासी (Jatamasi)
  8. रक्तचंदन (Raktchandana)

ये आठ पदार्थ समान मात्रा मे मिलकर अष्टगंध चन्दन बनता है। इन सभी का पाउडर बनाकर समान मात्रा मे मिला ले। सभी पदार्थ पूर्ण शुद्ध हो इसका विशेष ध्यान रखे।

माता लक्ष्मी की पूजा मे अष्टगंध चन्दन अनिवार्य होता है।

विशेष :- कुमकुम मिला अष्टगंध चन्दन भगवान शिव के नहीं चढ़ता है, बाकी सभी देवी-देवताओं की पूजा में यह अष्टगंध चन्दन प्रयुक्त किया जाता है। शंकर भगवान की पूजा में शैव-अष्टगन्ध चन्दन प्र्योग में लाया जाता है ।

अष्टगंध का प्रयोग / उपयोग कैसे करें

अष्टगंध चंदन सभी भगवान की पूजा मे मुख्य रूप से उपस्थित रहा करता था, जो अब शुद्धता के अभाव में धीरे-धीरे पूजा से लुप्त प्राय हो चुका है, भगवान शंकर की पूजा मे शिव लिंग पर लेप के रूप में अष्टगंध चंदन का प्रयोग होता है। भगवान शंकर को यह अत्यंत प्रिय है, गणपति पूजन हो या माता लक्ष्मी की पूजा अष्टगंध चंदन तिलक के रूप में अनिवार्य होता है। पुरातन काल में और वर्तमान समय में कुछ विद्वान् मंत्र लेखन में भी अष्टगंध चंदन का प्रयोग करते हैं। इससे मंत्र सिद्धि की राह आसान हो जाती हैं। कृष्ण भगवान को भी अष्टगंध चन्दन का तिलक लगाया जाता है।

अष्टगंध चंदन तिलक के 5 चमत्कारिक लाभ या फायदे

  1. माता लक्ष्मी को अष्टगंध की सुगंध अत्यंत प्रिय है तो अगर उनको प्रसन्न करना हो तो अष्टगंध का उपयोग प्रतिदिन पूजा मे जरूर करे।
  2. अष्टगंध चन्दन के प्रभाव से ग्रहो के दुष्प्रभाव समाप्त हो जाते है।
  3. अष्टगंध चन्दन के इस्तेमाल से घर के समस्त वास्तुदोष समाप्त हो जाते है।
  4. अष्टगंध चन्दन मन से तनाव को दूर कर मानसिक शांति लाता है।
  5. कर्मकांड एवं यंत्र, तंत्र और मन्त्र लेखन में अष्टगंध का प्रयोग होता है।

अष्टगंध चन्दन के नाम पर बाजार मे कुछ भी मिलाकर बेचा जाता है जो बहुत गलत है। अष्टगंध चन्दन अगर बाजार मे बहुत सस्ता मिल रहा है जैसे 10 या 20 रुपए मात्र का तो यह निश्चित माने की वह असली अष्टगंध चन्दन नहीं है।

अष्टगंध चन्दन दो प्रकार का होता है

1. शैव अष्टगंध

जल काश्मीरकुष्ठश्च रक्तचन्दनचन्दनैः ॥
तगरागुरुकपूरैः शाम्भवं चाटगन्धकम् ॥ ४३४ ॥

[Hindi Translation]:- जल, केसर, कुष्ठ, रक्तचंदन, चन्दन, तगर, अगर, कपूर – ये आठ द्रव्यों को शैव-अष्टगन्ध जानना चाहिए।

2. वैष्णव अष्टगंध

ह्रीबेरश्चन्दनकुष्ठमगुरुः कुङ्कुम मुरा ॥
सिहकञ्च जटामांसी वैष्णवं तदुदीरितम् ॥४३२॥

[Hindi Translation]:- ह्रीवेर, चंदन, कुष्ठ, अगर, कुंकुम, मुर, सेव्यका, और जटामासी – यह आठ पदार्थों के मिश्रण को वैष्णव-अष्टगन्ध के रुप में जानना चाहिए ।

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FAQ

अष्टगंध चन्दन क्या होता है?

अष्टगंध संस्कृत का शब्द है अष्ट का अर्थ है “आठ” और गंध का अर्थ है “सुगंध” अर्थात आठ पदार्थो की सुगंध । यह एक प्रकार का चन्दन है जो टिका करने और भगवान की पूजा करने मे काम आता है। ऊपर बताए आठ पदार्थ समान मात्रा मे मिलकर अष्टगंध चन्दन बनाते है।

अष्टगंध चन्दन कैसे बनाया जाता है ? What is Ashtagandha made of?

1. चन्दन (सफ़ेद या लाल चन्दन )
2. अगर
3. कपूर
4. कचूर
5. कुमकुम (रोली )
6. गोरोचन
7. जटामासी
8. रक्तचंदन
ये आठ पदार्थ समान मात्रा मे मिलकर अष्टगंध चन्दन बनता है।

अष्टगंध चन्दन के लाभ क्या-क्या है ?

माता लक्ष्मी को अष्टगंध की सुगंध अत्यंत प्रिय है तो अगर उनको प्रसन्न करना हो तो अष्टगंध का उपयोग प्रतिदिन पूजा मे जरूर करे|

अष्टगंध चन्दन कहां मिलता है?

पूर्ण शुद्ध अष्टगंध चन्दन मिलना आज के समय में असंभव ही लगता है । सबसे उत्तम यही होगा की आप स्वयं सभी आठ पदार्थो को खरीदकर मिलाकर खुद से ही अष्टगंध चन्दन बना ले, पदार्थो की शुद्धता फिर भी जाँची जा सकती है । किसी भी दुकानदार या कंपनी के कहने मात्र से पूर्ण शुद्ध अष्टगंध चन्दन मिलना संभव नहीं है । यही सच्चाई है ।

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