Basant Panchami 14 फरवरी 2024, बुधवार, बसंत पंचमी, सरस्वती पूजा, हर साल माघ महीने के शुक्ल पक्ष की पंचमी को बसंत पंचमी मनाई जाती है। माघ शुक्ल पक्ष की पंचमी का दिन ऋतुराज बसंत के आगमन का प्रथम दिवस माना जाता है । साल 2024 में यह त्योहार 14 फ़रवरी, बुधवार को मनाया जाएगा। इस दिन को मां सरस्वती का जन्मोत्सव माना जाता है। इस दिन लोग मां सरस्वती की पूजा करते हैं और उनसे सुख-समृद्धि का आशीर्वाद लेते हैं।
शास्त्रों के मुताबिक, बसंत पंचमी के दिन ही भगवान ब्रह्मा के मन से मां सरस्वती का अवतरण हुआ था। इसलिए, छात्रों के लिए ज्ञान, बुद्धि, कला और संगीत की देवी – माता सरस्वती की पूजा करने का यह सबसे अच्छा दिन माना जाता है।
भारत में आज के दिन से एक नई ऋतु यानि बसंत ऋतु का आगमन होता है। इस दिन ज्ञान की देवी सरस्वती की पूजा भी की जाती है। इस दिन को भारत में में प्रेम दिवस के रूप में भी मनाया जाता है।
बसंत पंचमी के दिन स्फटिक की माला को अभिमंत्रित करके धारण करना भी शुभ माना जाता है। हिंदू धर्म में इस दिन को इतना शुभ माना गया है कि आप पूरे दिन कोई भी शुभ काम कर सकते हैं। इस दिन किसी भी मुहूर्त पर विवाह करना, गृह प्रवेश करना या फिर बच्चे का नामकरण आदि करना सभी अच्छा रहता है। एक धार्मिक कथा के अनुसार इस दिन देवी रति और भगवान कामदेव की पूजा करने से पति-पत्नी के मध्य प्रेम बना रहता है।
बसंत पंचमी को क्या-क्या खाना चाहिए ?
- बसंत पंचमी के दिन खीर जरूर बनाई जाती है और खाई जाती है।
- बसंत पंचमी के दिन सभी घरो में पीले केसर के मीठे व नमकीन चावल घृत मिश्रित करके अग्नि को अर्पित करके भोग लगाते है और पितृ-तर्पण करते है।
- गेहू और जौ की स्वर्णिम बालियाँ भगवान को अर्पित की जाती है।
- इस दिन सात्विक भोजन किया जाता है।
बसंत पंचमी को किन-किन देवताओ का पूजन करना चाहिए ?
सरस्वती पूजन
इस दिन को मां सरस्वती का जन्मोत्सव माना जाता है। इस दिन लोग मां सरस्वती की पूजा करते हैं और उनसे सुख-समृद्धि का आशीर्वाद लेते हैं। बसंत पंचमी के दिन ही भगवान ब्रह्मा के मन से मां सरस्वती का अवतरण हुआ था। इसलिए, छात्रों के लिए ज्ञान, बुद्धि, कला और संगीत की देवी – माता सरस्वती की पूजा करने का यह सबसे अच्छा दिन माना जाता है। बसंत पंचमी के दिन मां सरस्वती को कलम अर्पित की जाती है और साल भर उसी कलम का इस्तेमाल किया जाता है।
श्री कृष्ण पूजन
भगवान श्री कृष्ण इस उत्सव के अधिदेवता है । इस दिन ब्रज प्रदेश में राधा और कृष्ण के आनंद-विनोद की लीलाये बड़ी धूम-धाम से मनाई जाती है । इस दिन से फाग उड़ाना प्रारम्भ होता है । जिसका क्रम फाल्गुन की पूर्णिमा तक चलता है ।
विष्णु भगवान पूजन
बसंत पंचमी के दिन सभी भगवान को पीताम्बर वस्त्र धारण करवाए जाते है ।