Gorochan | गोरोचन क्या होता है?

Gorochan | गोरोचन क्या होता है?

Gorochan आप भी पा सकते हैं गोरोचन के चमत्कारिक लाभ, क्या आप जानते हैं क्या होता है गोरोचन ?

Gorochan kya hota hai? गोरोचन क्या होता है? What is Gorochan?

gorochan kaisa hota hai? गोरोचन गाय या बैल के पित्त में बनने वाला एक प्रकार का पदार्थ है जो मोम की तरह होता है सूखने पर पत्थर के समान कड़ा हो जाता है। यह पीले रंग का सुगंधित पदार्थ होता है जिसमें थोड़ी सी मात्रा में लालिमा होती है। किसी गाय या बैल की मृत्यु के बाद चर्म कार्य करने वाले गाय या बैल के पित्त में से गोरोचन निकाल लेते है यह जरुरी नहीं की सभी गायों या बैल में यह पाया जाए, आज के समय मे जब गाय या बैल कचरा खाते है तब गोरोचन का शुद्ध मिलना भी बड़ी बात है।

शुद्ध गोरोचन की विशेषता उसका रंग व बनावट होती है, असली गोरोचन का रंग गेहुआ व बनावट झिल्लीदार होती है जिसमे परतदार लखीरे बनी होती है खरीदते समय इस बात पर जरूर ध्यान दे।

माना जाता है कि सबसे उत्तम कोटि का गोरोचन हाथी के मस्तिष्क से प्राप्त होता है और दूसरा उत्तम गोरोचन गाय के पेट से प्राप्त होता है।

चीन और जापान में गोरोचन का उपयोग लंबे समय से तेज बुखार, ऐंठन और स्ट्रोक सहित विभिन्न बीमारियों के इलाज के लिए किया जाता रहा है। चीन और जापान में इसे निउ-हुआंग के नाम से जाना जाता है। हिन्दू सनातन धर्म की आयुर्वेद चिकित्सा पद्धति आज लुप्त प्राय हो चुकी है जबकी बौद्ध इसको सहेजकर रखते है जो आज भी उनके पास सुरक्षित है।

गोरोचन क्या काम आता है? क्या होते हैं इसके लाभ?

गोरोचन विषनाशक के रूप में कार्य करता है।

गोरोचन बुखार और संक्रामक रोगों को कम करता है।

गोरोचन व्यक्ति के मस्तिष्क को शक्ति प्रदान कर स्पष्ट रूप से सोचने और बुद्धिमानी से कार्य करने में सक्षम बनाता है।

गोरोचन के उपयोग से वशीकरण का प्रभाव होता है, इसका तिलक लगाने से मस्तक पर तेज आता है, बच्चों की बुद्धि तीर्व होती है, उनका मन स्थिर होता है, पढाई मे ध्यान लगता है, सीखने की क्षमता बढ़ती है।

गोरोचन युक्त अष्टगंध चन्दन का उपयोग रोज करना चाहिये।

गोरोचन इस्तेमाल करने की विधि

शुक्ल पक्ष मे जन्मे स्त्री या पुरुष को सफ़ेद गाय से प्राप्त गोरोचन का इस्तेमाल करना चाहिये, इसी तरह कृष्ण पक्ष मे जन्मे स्त्री या पुरुष को अन्य किसी भी रंग की गाय से प्राप्त गोरोचन का इस्तेमाल करना चाहिये ।

शुद्ध गोरोचन को चांदी की डिबिया मे सहेजकर रखना चाहिये, प्रातःकाल उठकर गोरोचन का दर्शन करना चाहिये।
आपकी अगर कोई बड़ी मीटिंग है तो गंगा जल मे गोरोचन को घिस कर उसका तिलक मस्तक पर लगाने से मीटिंग मे आप अपना सौ प्रतिशत प्रयास कर पायेगे।

किसी विद्वान सिद्ध पंडित या गुरु द्वारा सिद्ध किया हुआ अभिमंत्रित गोरोचन ही काम मे लेना चाहिये।

गोरोचन का चित्र भी आपको साफ़ साफ यहाँ दिखाई दे रहा है, इसकी झिल्लीदार संरचना और परतनुमा बनावट आपको चित्र में साफ़ दिखाई दे रही है, यही इसके असली होने की पहचान है।

FAQ


1 ग्राम गोरोचन की कीमत क्या है?

पूर्ण शुद्ध गोरोचन की कीमत 200 रूपए प्रति ग्राम से लेकर 2000 रूपए प्रति ग्राम तक हो सकती है।

असली गोरोचन कहाँ मिलेगा?
गोरोचन कौन सी दुकान पर मिलता है?

असली गोरोचन मिलने का स्थान आपके शहर में पुरानी पंसारी की दुकान हो सकती है, बड़ी गौशाला में भी गोरोचन मिल सकता है, चर्म कार्य करने वाले लोगो के पास भी असली गोरोचन मिल सकता है, किसी विद्वान सिद्ध गुरु के आशीर्वाद स्वरुप भी गोरोचन प्राप्त किया जा सकता है।


पूजा में गोरोचन का उपयोग कैसे करें?

पूजा में गोरोचन का उपयोग तिलक रूप में किया जाता है, गोरोचन को गंगाजल में घीस कर भगवान को तिलक लगाना चाहिये।


गोरोचन कैसे प्राप्त होता है?

गोरोचन गाय या बैल के पित्त में बनने वाला एक प्रकार का पदार्थ है जो मोम की तरह होता है सूखने पर पत्थर के समान कड़ा हो जाता है। यह पीले रंग का सुगंधित पदार्थ होता है जिसमें थोड़ी सी मात्रा में लालिमा होती है।

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