Shri Bhairav Ji Ki Aarti Lyrics भगवान श्री भैरव की आरती, भगवान भैरव की प्रत्येक रविवार के दिन पूजा भैरव मंदिर में जाकर करनी चाहिए। भैरव जी को चोला चढ़ाने के बाद भैरव चालीसा का पाठ करने के बाद भैरव जी की आरती अवश्य करनी चाहिए। भक्तो के दुःख हर्ता, भक्तो पर तुरंत प्रसन्न होने वाले भैरव जी की कृपा के बिना शिव पूजा भी अधूरी ही मानी जाती है।
भगवान शिव ने प्रत्येक शक्ति पीठ की रक्षा का कार्य भैरव जी को सौंपा था, अतः प्रत्येक शक्ति पीठ के पास भैरव मंदिर भी अवश्य होता है, और बिना भैरव दर्शन शक्तिपीठ दर्शन अधूरे ही माने जाते है।
Shri Bhairav Ji Ki Aarti Lyrics in Hindi
ॐ जय भैरव देवा, प्रभु जय भैरव देवा ।
सुर नर मुनि सब करते, सुर नर मुनि सब करते, प्रभु तुमरी सेवा ॥
॥ ॐ जय भैरव देवा…॥
तुम्ही पाप उद्धारक, दुःख सिन्धु तारक ।
भक्तो के सुख कारक, भीषण वपु धारक ॥
॥ ॐ जय भैरव देवा…॥
वाहन श्वान विराजत, कर त्रिशूल धारी ।
महिमा अमित तुम्हारी, जय जय भयहारी ॥
॥ ॐ जय भैरव देवा…॥
तुम बिन शिव की सेवा सफल नहीं होवे ।
चतुर मतिका दीपक, दर्शन दुःख खोवे ॥
॥ ॐ जय भैरव देवा…॥
तेल चटकी दधि मिश्रित माषावाली तेरी ।
कृपा कीजिये भैरव, करो नहीं देरी ॥
॥ ॐ जय भैरव देवा…॥
पाँव घुँघरू बाजत, डमरू डम्कावत ।
बटुकनाथ बन बालक जल मन हरषावत ॥
॥ ॐ जय भैरव देवा…॥
श्री भैरव की आरती जो कोई नर गावे ।
सो नर जग में मनवांछित फल पावे ॥
॥ ॐ जय भैरव देवा…॥